VIDEO शरीर से बढ़कर कुछ भी नहीं, स्वस्थ्य रहने जरूरी है योग
भिलाई। 21 जून को विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में भिलाई जिला भाजपा द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, जिला जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे आदि मौजूद थे।
भिलाई। 21 जून को विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में भिलाई जिला भाजपा द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, जिला जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे आदि मौजूद थे।
प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब हर वर्ष विश्व भर में मनाया जाता है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के प्रयासों में मंयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिवस की मान्यता दीऔर इस दिन दुनिया के सभी देशों में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। भारत के लिए यह बड़े ही गौरव की बात है। यह 2015 मे हर साल 21 जून को मनाया जाता है। क्योंकि उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन इस दिन होता है और आध्यात्मिक सिद्धियों के लिए यह उपयुक्त समय होने के कारण इस दिन का चयन मोदीजी ने किया। सन 2014 में मंयुक्त राष्ट्र महासभा में इम प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था। वहीं विधायक रिकेश सेन ने कहा कि धर्म से परे है योग। इस भाग दौड़ के जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए योग आवश्यक है। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के सभी स्कूल-कॉलेजों, निजी संस्थाओं में 21 जून को योग दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित है। उन्होंने कहा कि योग को अपनाए और बीमारी दूर भगाए।
हर वर्ष अलग-अलग थीम पर यह दिवस मनाया जाता है. सन 2025 की थीमः 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' है। राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर योग सत्र, शिविर, और कार्यशालाओं का आयोजन होगा। पूर्व की तरह ही स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यस्थलों में योग कार्यक्रम, जिसमें सामूहिक योगाभ्यास और जागरूकता सत्र होंगे। इस प्रेस के माध्यम से हम जनता से निवेदन करते हैं कि सभी इस आयोजन से जुड़ें। योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। जहां कल शासन द्वारा भी यह दिवस मनाया जाएगा, वहीं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी अनेक आयोजन प्रस्तावित हैं। हर जिले में प्रदेशभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखा जा रहा है। आज योग के माध्यम से लोग स्वस्थ एवं उनकी सुखी जीवन में जी रहे हैं। योग को अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिलाया। प्रधानमंत्री ने ग्राम प्रधानों को एक पत्र लिखकर उन्हें समुदाय स्तर पर योग को बढ़ावा देने और इसे जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया है।योग दिवस का यह आयोजन अव न केवल एक जनआंदोलन का रूप लेता दिख रहा है, अपितु आज यह आय का एक स्रोत बन चुका है। योग ने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदला है। इस वर्ष योग दिवस की थीम "योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ रखी गई है, जो व्यक्ति, समाज और पर्यावरण की आपसी जुड़ाव और संतुलन को दर्शाती है। इस बार का आयोजन इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर योग दिवस की 11वीं वर्षगांठ भी है। गाँवों में नियमित योग सत्र, स्कूलों और आंगनवाड़ियों में जागरूकता कार्यक्रम, और सार्वजनिक स्थलों पर कॉमन योगा प्रोटोकॉल का अभ्यास शुरू हो गया है। यह प्रयास योग को जन-जन तक पहुँचाने और योग दिवस को एक वास्तविक 'जन आंदोलन' बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। देश के गाँवों में लोग अब योग को ग्रामीण जीवन का अभिन्न हिस्सा बना रहे हैं। गाँवों में योग सत्र शुरू किए गए हैं। बच्चों के लिए योग प्रतियोगिताएं भी कराई जा रही हैं और एक विशेष 'योग यात्रा' का आयोजन कर गाँवों में जागरुकता फैलाई गई है।
योग दिवस का आयोजन ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है। महिलाओं के समूहों ने "स्वास्थ्य ही संपत्ति है" अभियान चलाया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आह्वान किया है कि योग दिवस के आयोजन में बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हों। यह जमीनी स्तर की पहल योग को घर-घर तक पहुंचाएगी और योग दिव को एक गहराई से जुड़ा हुआ राष्ट्रीय उत्सव बना देगी। थीम 2025: "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग योग को स्थिरता और वैश्विक कल्याण के साथ जोड़ना। 11 दिसंबर 2014 को UNGA ने ये प्रस्ताव पारित कर दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया. 21 जून इसलिए चुना गया क्योंकि ये उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है और इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पहली बार ये दिन 21 जून 2015 को मनाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव रखा था कि योग के महत्व को देखते हुए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया जाए 11 दिसंबर 2014 को UNGA ने ये प्रस्ताव पारित कर दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया. 21 जून इसलिए चुना गया क्योंकि ये उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है और इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
पहली बार कब मनाया गया योग दिवस ?
पहली बार ये दिन 21 जून 2015 को मनाया गया था. इस दिन दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ था जिसमें 35,985 लोगों ने एक साथ योग किया और 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी बनाए.
पीएम मोदी का योग पर संदेश
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, "योग हमारे प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है. ये शरीर और मन, विचार और कर्म, आत्मा और ब्रह्मांड के बीच एकता का प्रतीक है. ये सिर्फ व्यायाम नहीं है, बल्कि खुद को, समाज को और प्रकृति को जानने का माध्यम है."