IPS पूरन कुमार सुसाइड केस: हरियाणा के DGP और चीफ सेक्रेटरी समेत 14 अफसरों पर FIR, सुसाइड नोट में जातीय भेदभाव के आरोप

IPS पूरन कुमार सुसाइड केस: हरियाणा के DGP और चीफ सेक्रेटरी समेत 14 अफसरों पर FIR, सुसाइड नोट में जातीय भेदभाव के आरोप

चंडीगढ़। हरियाणा में 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या मामले ने पूरे प्रशासनिक ढांचे को हिला दिया है। पहली बार राज्य के शीर्ष अधिकारियों DGP शत्रुजीत कपूर और मुख्य सचिव (चीफ सेक्रेटरी) सहित 14 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।  चंडीगढ़ पुलिस ने पूरन कुमार के सुसाइड नोट को आधार बनाते हुए सेक्टर-11 थाने में FIR नंबर 156 दर्ज की है। मामला BNS की धारा 108, 3(5) और SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(1) के तहत दर्ज किया गया है।

 पूरन कुमार के सुसाइड नोट में कुल 15 अधिकारियों के नाम हैं, जिनमें हरियाणा के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी और पूर्व डीजीपी मनोज यादव का नाम भी शामिल बताया गया है। नोट में उन्होंने जातीय भेदभाव और झूठे मामलों में फंसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।  पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने साफ कहा था कि वे तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगी, जब तक सुसाइड नोट में लिखे नामों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती। गुरुवार देर रात पुलिस ने FIR दर्ज की, जिससे हरियाणा की अफसरशाही में हड़कंप मच गया है।  

मुख्यमंत्री नायब सैनी, जो जापान दौरे से लौटे हैं, शुक्रवार को पूरन कुमार के घर पहुंचे और परिवार से मुलाकात कर शोक जताया। उनके साथ चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर और CID चीफ सौरभ सिंह भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएगी और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।  पूरन कुमार की मौत से हरियाणा प्रशासनिक हलकों में गहरा आक्रोश और सदमा है। कई अधिकारी और सामाजिक संगठन इसे अफसरशाही के भीतर छिपे भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का मामला मान रहे हैं।  सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा अब बड़ा रूप ले चुका है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह घटना हरियाणा की नौकरशाही के भीतर की सच्चाई को उजागर कर रही है।