मकान व दुकान बनाने नगर निगम से खरीदे गए भूखण्ड, उग आए जंगल-झाड़ी

इनवेस्टमेंट के नाम पर जमीन खरीदने वालों को आयुक्त की चेतावनी, 31 मार्च 2026 तक रिक्त प्लाट में मकान बनाने की अंतिम तिथि

मकान व दुकान बनाने नगर निगम से खरीदे गए भूखण्ड, उग आए जंगल-झाड़ी

भिलाईनगर। पूर्व साडा एवं वर्तमान नगर पालिक निगम भिलाई में 1500 से अधिक भूखण्डो के मालिक है। जिनके द्वारा आवासीय, आवास सह व्यवसाय एवं व्यवसायिक भूखण्ड खरीद कर रखा गया है, उनके द्वारा मकान नहीं बनाया जा रहा है। नगर निगम भिलाई द्वारा उन्हे बार-बार नोटिस दिया जा रहा है, मकान बनाने के लिए। जिस समय भूखण्ड आबंटन किया गया था, उस समय रजिस्ट्री में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि 2 वर्ष के अंदर मकान बनाना अनिवार्य रहेगा। जिन्हे मकान एवं दुकान की आवश्यकता थी, उनके द्वारा मकान बना लिया गया है। बहुत से ऐसे नागरिक है, जो इनवेस्टमेंट के नाम पर नगर निगम से भूखण्ड खरीद लिए है, वे मकान नहीं बना रहे है। इसकी शिकायत स्थानीय नागरिको द्वारा भी की जा रही है। उक्त मकानों में बड़े-बड़े पेड़ उग गए है। पड़ोसियों द्वारा कूड़ा कचरा फेंका जा रहा है। सांप बिच्छू निकल रहे हैं। इससे निगम की बहुत क्षति हो रही है। भूखण्ड आबंटन की शर्ते यही होती थी कि संबंधित व्यक्ति के नाम पर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण में निवास या व्यापार के लिए अन्य भूखण्ड नहीं होना चाहिए।

पूर्व में महापौर परिषद एवं सामान्य सभा के माध्यम से भी समय-समय पर मकान बनाने की अंतिम तिथि बढ़ाई जाती रही थी, परन्तु अब केबल 10 माह शेष है। 31 मार्च 2026 के बाद कोई सुनवाई नहीं होगी। मकान बनाने से पूर्व उन्हे नगर निगम भिलाई में रिक्त भूमि का अधिभार जमा करना पड़ेगा, ततपश्चात नियमानुसार भवन अनुज्ञा प्राप्त करना होगा। तब जाकर कहीं भवन निर्माण किया जा सकता है। शुरू में सस्ते दरों पर नेहरू नगर, प्रियदर्शिनी परिसर, राधिका नगर, पावर हाउस, जवाहर नगर, दक्षिण गंगोत्री, सुपेला मार्केट, होजरी मार्केट आदि जगहो पर प्लाट ले लिया गया है। जो शुरू में क्षेत्रफल के अनुसार लगभग 80 से 90 हजार रूपये का प्लाट होगा, उसकी किमत अब उसके बाजार भाव के अनुसार 50 लाख से अधिक की हो गई है। कुछ ऐसे भी लोग है, जो वर्तमान में भिलाई शहर से अन्य शहरो या विदेशो में निवास कर रहे है, उनके द्वारा भी भूखण्ड लेकर इनवेस्टमेंट के नाम पर छोड़ दिया गया है। कुछ ऐसे भी प्लाट है, जो क्रेता-विक्रेता आपस में खरीदी बिक्री कर लिए है। उनका पूर्व में निगम द्वारा आबंटित तिथि से ही रजिस्ट्री मान्य किया जाएगा।

बैठक के दौरान आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने राजस्व अधिकारी जे.पी. तिवारी एवं भवन अनुज्ञा अधिकारी अरविंद शर्मा को अंतिम बार नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित किए कि सभी को सूचित कर देवें। अब आगे इस संबंध में किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं होगी। आज बैठक के दौरान सुशासन तिहार के आवेदनों को 31 मई तक निराकृत करने, जल कर एवं संपत्तिकर की वसूली, बरसात से पूर्व नालों की सफाई, निर्माण से संबंधित बिन्दुओ पर आयुक्त द्वारा दिशा-निर्देश दिया गया। बैठक के दौरान उपायुक्त, अधीक्षण अभियंता, जोन आयुक्त, कार्यपालन अभियंता, लेखाधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, अभियंतागण, जोन के राजस्व अधिकारी, जोन स्वास्थ्य अधिकारी, स्थापना शाखा आदि के अधिकारीगण उपस्थित थे।