गांधीवादी समाजसेवी डॉ. मिथिला शरण द्विवेदी का निधन

गांधीवादी समाजसेवी डॉ. मिथिला शरण द्विवेदी का निधन

भिलाई। गांधीवादी समाजसेवी, लेखक, पत्रकार एवं राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ मिथिला शरण द्विवेदी का सोमवार सुबह निधन हो गया. वे 90 वर्ष के थे. वे अपने पीछे पत्नी सुशीलादेवी, पुत्र अशोक एवं अरुण, पुत्री अर्चना त्रिपाठी एवं आराधना तिवारी, मनीषा, जमाता रामकृषण त्रिवेदी एंव दुर्गेश तिवारी, अमित शुक्ला, पुत्रवधु शोभा एवं आभा और नाती पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनकी अंत्येष्टि 20 मई मंगलवार सुबह 10 बजे रामनगर मुक्तिधाम में संपन्न होगी.

डॉ साहब ने कोयला खदानों से लेकर चंबल की बीहड़ों तक में चिकित्सा सेवाएं दीं. भिलाई भी उनका आगमन एक चिकित्सक के रूप में ही हुआ. गांधीजी एवं आचार्य विनोबा भावे की प्रेरणा से उन्होंने कुष्ठ रोगियों एवं रोग मुक्तों की सेवा के लिए स्वामी विवेकानंद कुष्ठ मुक्त आश्रम की स्थापना की. वे साक्षरता अभियान से भी जुड़े रहे. उन्होंने लगातार 30 वर्षों तक पत्रकारिता की. श्रमिक बच्चों के लिए कैम्प क्षेत्र में एक विद्यालय प्रारंभ किया. दीर्घकाल तक वे जिला कांग्रेस के महामंत्री भी रहे.