बस, वैन, कामन रूम में सीसीटीवी कैमरा होगा अनिवार्य; स्कूलों के हर एक कर्मचारी को कराना होगा पुलिस वेरीफिकेशन

बस, वैन, कामन रूम में सीसीटीवी कैमरा होगा अनिवार्य; स्कूलों के हर एक कर्मचारी को कराना होगा पुलिस वेरीफिकेशन

दुर्ग। स्कूल प्रबंधकों एवं प्राचार्यों की “सुरक्षित विद्यालय, सुरक्षित समाज” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने सुरक्षात्मक उपाय के टिप्स दिए। इस कार्यशाला में शासकीय एवं गैर शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के 400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

नए शिक्षण सत्र के शुरुआत में ही छात्र छात्राओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित विद्यालय सुरक्षित समाज विषय पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग विजय अग्रवाल द्वारा जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय शिक्षण संस्थान स्कूलों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधियों की कार्यशाला कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर सुपेला में किया गया। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा प्राचार्य एवं प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए समझाइश दिया गया कि यातायात के प्रति जागरूक होने और सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए आवश्यक है कि स्टॉफ टीचर एवं स्टूडेंट्स के लिए हेलमेट व सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य रूप से करें, स्कूली बसों/वैन की गति सीमा नियंत्रित हो, ज़्यादातर दुर्घटनाएं लापरवाही से होती हैं इसलिए सावधानी ही सुरक्षा है, सड़क पार करते समय ज़ेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें, ट्रैफिक नियमों की जानकारी छात्रों को नियमित रूप से दी जाए। स्कूली बसों की तकनीकी और यांत्रिक जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए, ड्राइवर और कंडक्टर का चरित्र सत्यापन कराया।

बसों और प्राइवेट वैन में CCTV कैमरे अनिवार्य रुप से लगवाया जाए। सुरक्षा के लिए अपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों को नियुक्त ना करें, हर कर्मचारी का चरित्र सत्यापन (Police Verification) अनिवार्य रुप से कराया जाए, हर कर्मचारी स्वयं का अपराधिक रिकॉर्ड ना होने का शपथ पत्र देने बताया गया। नियमित रूप से आयोजित किया जावे, बसों/वैनों की जानकारी, ड्राइवर का नंबर, रूट की सूचना पालकों को दी जाए, सूचना संप्रेषण में पारदर्शिता व तत्परता आवश्यक है।महिला स्टॉफ एवं छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किया जाए, इसके लिए स्कूल में महिला नोडल अधिकारी नियुक्त हों, स्कूलों में शिकायत पेटी लगाई जाए। उसकी चाबी महिला पुलिस रक्षा टीम के पास होगी ।

कक्षा 1 से छात्रों को गुड टच-बैड टच के बारे में जानकारी देना आवश्यक इस हेतु प्रशिक्षित महिला शिक्षिकाएं और पुलिस कर्मी समय-समय पर सेशन लें, बच्चों को सिखाया जाए कि असहज महसूस होने पर तुरंत किसी विश्वसनीय व्यक्ति को इसकी जानकारी दें। नशा मुक्ति और ड्रग अवेयरनेस के तहत छात्रों में नशे की आदत की रोकथाम के लिए काउंसलिंग कराई जाए, स्कूल परिसर के आस-पास संदिग्ध गतिविधियों पर सतर्कता एवं पुलिस को जानकारी दें। साइबर सुरक्षा और सोशल मीडिया के प्रति छात्र-छात्राओं को सतर्क रखें, अजनबी से चैट, फोटो शेयरिंग, गेमिंग में सावधानी बरती जाए, बच्चों को Online Privacy और Cyber bullying से बचाव की जानकारी दें। इस हेतु *साइबर हेल्पलाइन: 1930, शिकायत पोर्टल: (https://cybercrime.gov.in) का उपयोग किया जाए। प्रत्येक स्कूलों में सुरक्षा समिति गठित हो। सुरक्षा संवाद और अवेयरनेस सेशन हर माह आयोजित किया जाए।

कार्यशाला में वीरेंद्र ठाकुर, एडीएम दुर्ग ने स्कूलों में छात्र छात्राओं की सुरक्षा को रेखांकित किया। कार्यशाला में श्री सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर, सुश्री ऋचा मिश्रा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात, पद्मश्री तंवर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू, अरविंद मिश्रा जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग, सत्य प्रकाश तिवारी नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर, विजय यादव थाना प्रभारी सुपेला, उप निरीक्षक संकल्प राय, जिला शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारीगण एवं जिले के लगभग 400 शासकीय अशासकीय स्कूलों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे ।