गीत वितान कला केंद्र का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का समापन 

गीत वितान कला केंद्र का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का समापन 

भिलाई। गीत वितान कला केंद्र (स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स), रूआबांधा द्वारा आयोजित सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन कला प्रशिक्षण शिविर 2025 का समापन समारोह  प्रगति भवन, सिविक सेंटर, भिलाई में भव्य रूप से संपन्न हुआ। यह शिविर बी.एस.पी. अंग्रेजी माध्यमिक शाला, रूआबांधा सेक्टर, भिलाई में आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम बी.एस.पी. सांस्कृतिक विभाग, छत्तीसगढ़ शासन तथा ऑफिसर्स एसोसिएशन के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सुमिता सरकार, प्राचार्य, सीनियर सेकेंडरी विद्यालय, बीएसपी सेक्टर-10 थीं। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती शीला नाड़खेडे, पार्षद, रूआबांधा सेक्टर उपस्थित रहीं।

समारोह का शुभारंभ गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात संस्था के नृत्य शिक्षक नृत्यमणि मिथुन दास ने स्वागत भाषण दिया। शिविर के प्रतिभागी विद्यार्थियों ने मंच पर अपने प्रशिक्षण अनुभव साझा किए तथा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नृत्य विभाग के छात्रों ने "जय जय देवी जय जग जननी" पर सरस्वती वंदना की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। गायन विभाग के विद्यार्थियों ने "अग्नि की पारसमणि से छू लो प्राण" गीत एवं मीरा भजन "मुरलिया बाजे" की सुमधुर प्रस्तुति दी। समारोह में प्रशिक्षण प्रदान करने वाले सभी प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही, गायन, वादन, नृत्य एवं क्ले आर्ट विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार वितरण संस्था के सदस्य प्रदीप कुमार मित्रा, गौतम शील, मिथुन दास एवं श्रीमती रचना श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था की कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती रचना श्रीवास्तव द्वारा कुशलता पूर्वक किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन संयोजक श्री मनोज कुमार ठाकरे द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस आयोजन को सफल बनाने में श्री नरेंद्र कुमार बंछोर (अध्यक्ष, ऑफिसर्स एसोसिएशन), श्रीमती चंद्रा बनर्जी, रजनी सोनी, राजेंद्र रजक, मनोज ठाकरे, संतोष जाटव, सोमा घोष, सूधेंदु बागची, सोमेन कुंडू, अंश सिंह, शौर्य पाटिल, प्रशांत पांडा, सौरव चक्रवर्ती, बालूराम वर्मा, हर्ष सोनटेके, डेनिल कोसरिया, प्रदीप कुमार मित्रा एवं परिमल मंडल , श्रीमती विभा मिश्रा सहित अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा।