वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा से लैस होगी आरएफएसएल, समय और संसाधनों की होगी बचत

दुर्ग। क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला दुर्ग में विसरा, नारकोटिक्स, एक्सप्लोसिव, एक्साइज एवं बायोलॉजी से संबंधित प्रदर्शों का परीक्षण कार्य किया जा रहा है। दुर्ग संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर, पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग के द्वारा आज क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला दुर्ग का विजीट किया गया। डॉ. पंकज ताम्रकार प्रभारी अधिकारी, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला दुर्ग द्वारा बताया गया कि इस आरएफएसएल के चरणबद्ध उन्नयन हेतु नारकोटिक्स प्रभाग के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) एवं डीएनए यूनिट हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित हो जाने से नवीन मनो-सक्रिय पदार्थ (एनपीएस) का परीक्षण भी किया जा सकेगा। साथ ही भविष्य में अपराध के पैटर्न को दृष्टिगत रखते हुए सायबर फोरेंसिक का प्रस्ताव भी भेजा जायेगा। संभागायुक्त द्वारा विजीट के दौरान प्रयोगशाला की प्रशंसा की गयी साथ ही इस परिसर को फोरेंसिक लैब हेतु अत्यंत उपयुक्त बताया गया तथा इस परिसर में विडियो कांफ्रेसिंग हॉल विकसित किये जाने हेतु एसडीएम भिलाई को निर्देशित किया गया ताकि वैज्ञानिक अधिकारियों को साक्ष्य देने विभिन्न जिलों के कोर्ट में जाने की आवश्यकता नहीं होगी जिससे समय एवं संसाधनों की बचत होगी। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज एवं राजनांदगांव रेंज के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग एवं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक अधिकारियों के बीच प्रयोगशाला में होने वाले परीक्षण कार्यों के संबंध में एवं पुलिस के द्वारा भेजे जाने वाले प्रदर्शों के विषय में चर्चा हुई।