सीआईएसएफ के "श्री अन्न" अभियान की सफलता:  बल सदस्यों के भोजन में 30% से अधिक हुई श्री अन्न की खपत

सीआईएसएफ के "श्री अन्न" अभियान की सफलता:  बल सदस्यों के भोजन में 30% से अधिक हुई श्री अन्न की खपत

 नई दिल्ली: सीएपीएफ में बल सदस्यों के स्वस्थ जीवनशैली के लिए गृह मंत्रालय के श्री अन्न मिशन की दिशा में एक अनुकरणीय पहल करते हुए, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने देश भर में तैनात अपनी 434 इकाइयों और फोर्मेशन्स में “श्री अन्न” के उपभोग के लक्ष्यों को पूरा कर लिया है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि इन पारंपरिक पौष्टिक अनाजों को न केवल अपने कर्मियों और उनके परिवारों के बीच बल्कि व्यापक नागरिकों के बीच भी बढ़ावा देने की गृह मंत्रालय की पहल के प्रति सीआईएसएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस उपलब्धि की यात्रा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष' घोषित करने के साथ शुरू हुई, जो भारत के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। इसके बाद, गृह मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के दैनिक आहार में श्री अन्न को शामिल करने का आदेश दिनांक 04.05.2023 को दिया, जिसमें 2024-25 के लिए जवानों के दैनिक आहार में 30% श्री अन्न का विशिष्ट लक्ष्य रखा गया।

 सीआईएसएफ की सफलता का श्रेय सभी इकाइयों को कवर करने वाले बहुआयामी दृष्टिकोण को जाता है

 दैनिक रोल कॉल, ब्रीफिंग, सैनिक सम्मेलन और अन्य बैठकों के माध्यम से, जवानों को श्री अन्न के लाभों के बारे में लगातार शिक्षित किया गया। कल्याणकारी गतिविधियों में परिवार के सदस्यों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाता है, जिससे उन्हें अपने घर के आहार में श्री अन्न को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अब सरकारी आयोजनों में भी श्री अन्न आधारित व्यंजन स्वीकृत व लोकप्रिय हो चुके हैं। "श्री अन्न सारथी" - स्वाद और संस्कृति का संगम: सीआईएसएफ द्वारा लॉन्च की गई यह विशेष पुस्तिका "श्री अन्न सारथी" व्यंजनों का संग्रह है। इस पुस्तिका में समूचे भारत के विभिन्न श्री अन्न व्यंजनों की जानकारी दी गई है, बलों के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया है, रसोइयों से फीडबैक शामिल किया गया है, और यहां तक ​​कि श्री अन्न अपनाने वाले बल के सदस्यों के बीच स्वास्थ्य सुधार की प्रेरक कहानियां भी साझा की गई हैं। सीआईएसएफ वेबसाइट पर एक डिजिटल संस्करण आसानी से उपलब्ध है, जो व्यापक पहुंच सुनिश्चित करता है।

प्रशिक्षण और जुड़ाव: सीआईएसएफ के 100% रसोइयों को स्वादिष्ट श्री अन्न व्यंजन तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है। बल ने ज्ञान प्रदान करने और गलत धारणाओं को दूर करने के लिए आहार विशेषज्ञों और डॉक्टरों द्वारा 662 व्याख्यानों के साथ-साथ 1,110 सेमिनार, वेबिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया है।

 "श्री अन्न मेला"- स्वास्थ्य से जुड़ी स्वाद यात्रा: सीआईएसएफ इकाइयों ने 335 से अधिक सफल प्रदर्शनियों "श्री अन्न मेला" का आयोजन किया है, जो जनता और सीआईएसएफ परिवारों को यह व्यावहारिक प्रदर्शन प्रदान करते हैं कि श्री अन्न को अपने आहार में शामिल करना कितना आसान है। इन मेलों ने लोगों को श्री अन्न आधारित विभिन्न व्यंजनों का स्वाद लेने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया, जिससे किसी भी संदेह को प्रभावी ढंग से दूर किया जा सका और व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सका।

 उपलब्धता सुनिश्चित करना: उपभोग को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए, अब केन्द्रीय पुलिस कल्याण भंडार (केंद्रीय पुलिस कल्याण स्टोर) दुकानों में श्री अन्न उत्पाद आसानी से उपलब्ध हैं।

 श्री अन्न, जिसे अक्सर "प्रथम फसल" और "भविष्य की फसल" के रूप में जाना जाता है, पोषण संबंधी पावरहाउस है। इन जलवायु-स्मार्ट अनाजों को न्यूनतम पानी, उर्वरक या कीटनाशकों की आवश्यकता होती है और ये सूखे और कीटों के प्रति अविश्वसनीय रूप से लचीले होते हैं। जबकि असंगत आपूर्ति श्रृंखलाओं और सीमित सार्वजनिक जागरूकता जैसी चुनौतियों ने ऐतिहासिक रूप से श्री अन्न अपनाने में बाधा डाली है, सीआईएसएफ के असाधारण प्रयास सक्रिय रूप से इन बाधाओं को तोड़ रहे हैं। उदाहरण के माध्यम से नेतृत्व करके और अपने कर्मियों और उनके परिवारों को ज्ञान और स्वादिष्ट विकल्पों के साथ सशक्त बनाकर, सीआईएसएफ - किसानों, उपभोक्ताओं और जलवायु के लाभ के लिए श्री अन्न को बढ़ावा देने के भारत सरकार के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सफलता की कहानी इस बात का एक सजीव प्रमाण है कि कैसे निरंतर प्रयास और अभिनव रणनीतियाँ पूरे देश में स्वास्थ्य और स्थिरता के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकती है।