इंदौर से स्वच्छता की सीख लेकर लौटे महापौर और आयुक्त

दुर्ग। इंदौर के स्वच्छता और नवाचार माडल को देखने समझने के लिए शहर के प्रथम नागरिक महापौर श्रीमती अलका बाघमार, आयुक्त सुमित अग्रवाल, कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा सहित अधिकारी का दल दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को इंदौर पहुंचे। मेयर श्रीमती बाघमार ने इंदौर की स्वच्छता, जनभागीदारी और स्मार्ट सिटी योजनाओं की सराहना की। महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने आयुक्त श्री अग्रवाल व अधिकारियों के साथ स्मार्ट सिटी कार्यालय, विभिन्न कचरा प्रबंधन स्थलों, नो-कार डे गतिविधियों और इंदौर के नवाचार की जानकारी प्राप्त की।इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मेयर,कमिश्नर सहित अधिकारियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
मेयर ने बताया कि इंदौर की सफलता का मूल मंत्र जनभागीदारी, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच समन्वय, निरंतर नवाचार और नागरिक चेतना है।उन्होंने बताया कि इंदौर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण के लिए भी काम किया जा रहा है।मेयर ने बताया कि स्मार्ट सिटी की जानकारी के अनुसार नो कार डे, भट्टी फ्री मार्केट, वेस्ट मैनेजमेंट डिजिटल ट्रैकिंग,ग्रीन इंदौर, सोलर, मशीनरी आधारित कचरा संग्रहण जैसे माडल के बारे में जानकारी दी। महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने बताया कि स्वच्छता के इस अभियान में एनजीओ और जनप्रतिनिधियों की भूमिका सेतु के जैसी है। मेयर व कमिश्नर ने जागरूकता जैसे विषयों पर केंद्रित अपने अनुभवों को सांझा किया। मेयर श्रीमती बाघमार ने बताया कि शहर को स्वच्छ रखने और कचरा प्रबंधन में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य नागरिकों को कचरा प्रबंधन के महत्व के बारे में शिक्षित करना और उन्हें कचरा अलग करने, पुन उपयोग करने और वैज्ञानिक तरीके से निपटान करने के लिए प्रेरित करना है। प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु, कचरा पृथक्करण, नागरिकों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना है, जिससे कि कचरे का पुन उपयोग और पुनर्चक्रण आसान हो सके।शहर में घर-घर जाकर कचरा संग्रहण की व्यवस्था को मजबूत किया जाता है,ताकि सड़कों पर कचरा न फैला रहे।