जिला न्यायालय दुर्ग में ग्रीन दीपावली पर कार्यशाला, न्यायाधीशों ने लिया प्रदूषण मुक्त पर्व मनाने का संकल्प

दुर्ग। माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने के समय-समय पर दिशानिर्देश दिए जाते रहे हैं, जिससे प्रेरित होकर 16 अक्टूबर 2025 को जिला न्यायालय दुर्ग के नवीन सभागार में न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों व पैरालीगल वॉलेंटियर्स हेतु ’’ग्रीन दीपावली मनाएं-प्रदूषण मुक्त दीप जलाएं’’ विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने ग्रीन दीपावली मनाने का संकल्प लिया। कार्यशाला का शुभारंभ माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलन और ग्रीन दीपावली के संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारीगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण तथा पैरालीगल वॉलेंटियर्स बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
उक्त कार्यशाला में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री थॉमस एक्का तथा जिला न्यायालय के उच्च न्यायिक सेवा अधिकारी श्री प्रशांत पाराशर के द्वारा दीपावली में तेज आवाज वाले फटाखों तथा धुएं से होने वाले ध्वनि तथा वायु प्रदूषण से पशु, पक्षियों, बचों एवं वरिष्ठजनों को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए ग्रीन दीपावली मनाए जाने हेतु प्रेरित किया। उनके द्वारा यह भी विदित किया गया कि दीपावली के दौरान फोड़े जाने वाले फटाखों के धुएं से पी.एम. 2.5 (गंभीर वायु प्रदूषक) का स्तर दस गुना तक बढ़ जाता है।
इस धुएं में सल्फर, जिंक, कॉपर, लेड, पोटेशियम नाइट्रेट, आर्सेनिक जैसे खतरनाक रसायन मौजूद रहते हैं, जो कि सांस लेते समय हमारे फेंफड़ों तक पहुंचकर कई बीमारियाँ फैलाते हैं। साथ ही उनके द्वारा कार्यशाला में ग्रीन दीपावली मनाने के व्यावहारिक उपाय बताए गए-जैसे कि स्थानीय उत्पादों का उपयोग, ताजे फुलों से सजावट, प्राकृतिक रंगों से रंगोली सजाना, वृक्षारोपण तथा अपशिष्ट प्रबंधन। हम सभी को अपनी परंपराओं और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना चाहिए। हमें आतिशबाजी से बचते हुए, मिट्टी के दीयों का उपयोग कर और पर्यावरण-संवेदनशील तरीकों से यह त्योहार मनाना चाहिए। अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि वे पारंपरिक उल्लास को कायम रखते हुए इस दीपावली को पर्यावरण अनुकूल बनाएंगे और समाज में ग्रीन दीपावली का संदेश फैलाएंगे। उक्त कार्यक्रम जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।