2.13 करोड़ की नकली दवाओं का भंडाफोड़, बड़ा सिंडिकेट हुआ बेनकाब, STF का बड़ा खुलासा

2.13 करोड़ की नकली दवाओं का भंडाफोड़, बड़ा सिंडिकेट हुआ बेनकाब, STF का बड़ा खुलासा

आगरा। उत्तर प्रदेश में नकली दवा माफिया पर पुलिस और एसटीएफ का सबसे बड़ा वार हुआ है। आगरा के मोती कटरा इलाके से करोड़ों की नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा गया है। इस धंधे के पीछे लखनऊ, पुडुचेरी और बिहार तक फैला संगठित गिरोह काम कर रहा था। फार्मा कंपनी के नाम पर मिल रही नकली दवाओं से मरीजों की जान सीधी खतरे में थी। जांच में सामने आया कि रोसोवास 20, रोसोवास 40 और एलिग्राम 120 एमजी तीन तरह की नकली दवाएं बनाई और बेची जा रही थीं। टीम को 46,650 पत्ते बरामद हुए जिनकी कीमत करीब 2.13 करोड़ रुपये है।

एसटीएफ ने हे मां मेडिकल एजेंसी के संचालक हिमांशु अग्रवाल समेत लखनऊ की दो और पुडुचेरी की एक फर्म को नामजद किया है। आरोपियों पर संगठित गिरोह बनाकर अलग-अलग राज्यों में नकली दवाओं की सप्लाई करने का आरोप है। कार्रवाई के दौरान हिमांशु अग्रवाल ने टीम को रोकने के लिए 1 करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश भी की। हवाला के जरिए पैसा बुलाया गया, लेकिन रंगे हाथों गिरफ्तार हो गया। इसके बाद मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पश्चिम बंगाल और बिहार में भी इनकी सप्लाई हो रही थी। फिलहाल एसटीएफ बाकी फर्मों के संचालकों की गिरफ्तारी में जुटी है। बड़ा सवाल यह है कि जब मरीजों तक ही नकली दवाएं पहुंचाई जा रही थीं तो इससे कितनी जिंदगियां खतरे में पड़ी होंगी। शासन ने तीनों केस की प्रगति रिपोर्ट हर दिन मांगी है ताकि किसी भी आरोपी को छोड़ा न जाए।