जब रक्षक ही बन जाए भक्षक: अपहरण, वसूली और साजिश में वर्दी हुई शर्मसार, चार कांस्टेबल गिरफ्तार, एक फरार

जोधपुर। पुलिस की वर्दी को शर्मसार करने वाला एक चौंकाने वाला मामला राजस्थान के जोधपुर से सामने आया है, जहां चार कांस्टेबलों को अपहरण और जबरन वसूली के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
महामंदिर थाना पुलिस ने आरोपियों को गुरुवार को एसीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। आईपीएस अधिकारी हेमंत कलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि परिवादी दिलीप गौड़ को 14 जुलाई को पावटा क्षेत्र से कांस्टेबल जगमाल जाट, नरसिंह जाट, राकेश पूनिया और लादूराम ने उसकी गाड़ी समेत हिरासत में लिया। आरोप है कि उसे माता का थान थाने ले जाया गया, जहां थाने के सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए गए। इसी दौरान चारों कांस्टेबलों ने दिलीप गौड़ से 1 लाख रुपये नकद, करीब 8-9 लाख रुपये की क्रिप्टो करेंसी और पत्नी के एटीएम से 1 लाख रुपये जबरन निकलवा लिए।
पीड़ित की शिकायत डीसीपी आलोक श्रीवास्तव और आईपीएस हेमंत कलाल तक पहुंचने के बाद मामला पुलिस आयुक्त राजेंद्र सिंह के संज्ञान में लाया गया। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए रात में ही चारों आरोपी कांस्टेबलों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बाद शुक्रवार सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कोर्ट में सात दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने केवल दो दिन की रिमांड मंजूर की। मामले में एक और पुलिसकर्मी शामिल बताया जा रहा है, जो फिलहाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। यह मामला पुलिस महकमे की छवि और वर्दी की गरिमा पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जांच के नतीजे आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला
पीड़ित दिलीप गौड़, निवासी बनाड़ रोड, 14 जुलाई को अपने मित्र रमेश शर्मा के साथ पावटा क्षेत्र के एक शोरूम में खरीदारी करने पहुंचे थे। पार्किंग के दौरान एक सफेद कार में सवार चार वर्दीधारी पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और दिलीप को रोक लिया। कांस्टेबल जगमाल जाट, कथित रूप से पीड़ित की गाड़ी में जबरन घुस गया और पूछताछ के बहाने उसे बाहर निकालकर गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद चारों आरोपी उसे माता का थान थाना ले गए।
थाने में दी गई धमकियां और वसूली:
थाने पहुंचने पर आरोपियों ने दिलीप को धमकाया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।
पीड़ित का आरोप है कि:
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एक लाख रुपये नकद लिया गया,
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पत्नी के एटीएम कार्ड से एक लाख रुपये जबरन निकलवाए गए,
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और लगभग 8.6 लाख रुपये मूल्य की USDT क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर करवाई गई।
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दिलीप का iPhone भी कुछ समय के लिए जब्त कर लिया गया।
पूरी घटना के दौरान न तो कोई वैध दस्तावेज दिखाए गए और न ही कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि यह निजी फायदे के लिए रची गई एक संगठित साजिश थी।