दुर्ग रेंज पुलिस के ‘त्रिनयन’ और ‘सशक्त’ ऐप को राष्ट्रीय मान्यता, iGOT Karmayogi पर शामिल

दुर्ग। दुर्ग रेंज पुलिस के तकनीकी नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान मिली है। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने अपराध रोकथाम से जुड़ा ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम “Digital Tools for Crime Prevention: Trinayan and Sashakt” को iGOT Karmayogi प्लेटफार्म पर जारी किया है। यह पूरा पाठ्यक्रम दुर्ग रेंज की पहल पर आधारित है।

iGOT Karmayogi भारत सरकार का ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच है। इसका मकसद सरकारी कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाना और उन्हें नए कौशल से लैस करना है। इस प्लेटफार्म पर प्रशिक्षण मॉड्यूल, मूल्यांकन और प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं, जिन्हें अधिकारी और कर्मचारी पंजीकरण कर पूरा कर सकते हैं। दुर्ग रेंज ने पिछले कुछ वर्षों में तकनीक के सहारे पुलिसिंग को तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। त्रिनयन ऐप की मदद से रेंज में मौजूद सभी सार्वजनिक और निजी CCTV कैमरों की लोकेशन और जियो टैगिंग एक ही जगह उपलब्ध हो जाती है। किसी भी घटना के बाद पुलिस तुरंत आस-पास का फुटेज हासिल कर लेती है, जिससे जांच तेजी से आगे बढ़ती है।

सशक्त ऐप चोरी और लापता वाहनों की रीयल-टाइम जांच और सत्यापन में मदद करता है। इससे वाहन बरामदगी की प्रक्रिया पहले की तुलना में काफी तेज हुई है। खास बात यह है कि यह ऐप जल्द ही आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि लोग खुद भी अपने वाहन की स्थिति ऑनलाइन जांच सकें। इससे चोरी रोकथाम में बड़ी मदद मिलेगी। BPR&D ने इन दोनों ऐप को स्मार्ट पुलिसिंग का आदर्श उदाहरण माना है और इन्हें राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण में शामिल किया है। पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग की पहल और नेतृत्व को इस उपलब्धि का आधार बताया गया है। उन्होंने इस मौके पर सभी पुलिस अधिकारियों और टीम को बधाई दी है।

