कार्बाइड गन का कहर: दिवाली पर फूटा बारूद, 300 से ज्यादा बच्चों की आंखें झुलसीं, देखें VIDEO


भोपाल। दिवाली की खुशियां इस बार मध्य प्रदेश में कई परिवारों के लिए दर्द में बदल गईं। उत्सव के दौरान खेले जा रहे “कार्बाइड गन” नामक देसी बारूद से 300 से ज्यादा लोगों की आंखें घायल हो गईं। इनमें ज्यादातर बच्चे और किशोर शामिल हैं। कई की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई है। भोपाल, ग्वालियर, विदिशा और आसपास के जिलों के अस्पतालों में आंख की चोटों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक कई मरीजों की कॉर्निया और रेटिना पूरी तरह जल चुकी है। त्योहार की रात की यह लापरवाही सैकड़ों बच्चों की जिंदगी बदल गई। यह हादसा चेतावनी है कि खुशी के पलों में सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

क्या है ‘कार्बाइड गन’?
यह एक देसी उपकरण है जो कैल्शियम कार्बाइड और पानी के मिश्रण से एसिटेलिन गैस बनाकर जोरदार धमाका करता है। पहले इसका इस्तेमाल खेतों में बंदर और पक्षी भगाने के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसे दिवाली में पटाखों की तरह चलाया जा रहा है।

क्यों बढ़ी मुसीबत?
लोगों ने इसे मज़ाक और धमाके के शौक में खरीदा, लेकिन सुरक्षा के अभाव में यह बम की तरह फटने लगी। गैस विस्फोट के दौरान मलबा और दबाव सीधे आंखों पर लगा, जिससे गंभीर चोटें आईं। सरकार की कार्रवाई: प्रशासन ने फिलहाल राज्यभर में कार्बाइड गन की बिक्री, निर्माण और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस जांच में जुटी है कि यह गनें इतनी बड़ी संख्या में बाजार तक कैसे पहुंचीं। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति अपनी आंखों में जलन, धुंधलापन या दर्द महसूस करे तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाए।
