इतिहास रचने को तैयार भारत: FIDE महिला शतरंज विश्व कप फाइनल में कोनेरु हम्पी और दिव्या देशमुख आमने-सामने

नई दिल्ली। भारत खेल जगत में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की दहलीज पर खड़ा है। FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 के फाइनल में दोनों फाइनलिस्ट भारतीय खिलाड़ी हैं जिसमें 38 वर्षीय दिग्गज ग्रैंडमास्टर कोनेरु हम्पी और 19 वर्षीय युवा स्टार दिव्या देशमुख शामिल हैं। इस रोमांचक ऑल-इंडियन फाइनल का आयोजन शनिवार, 26 जुलाई को शाम 4:30 बजे (IST) से होगा, और इसने शतरंज प्रेमियों के बीच जबरदस्त उत्साह भर दिया है।
इस मुकाबले को “अनुभव बनाम युवा ऊर्जा” की टक्कर माना जा रहा है। कोनेरु हम्पी जहां वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहरा रही हैं, वहीं दिव्या देशमुख ने अपनी आक्रामक शैली और तेज रणनीति से चुपचाप दुनिया का ध्यान खींचा है। यह पहला मौका है जब FIDE महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में दो भारतीय महिलाएं आमने-सामने होंगी। अंतरराष्ट्रीय मीडिया और शतरंज विशेषज्ञ इस मुकाबले को "ऐतिहासिक और प्रेरणादायक" करार दे रहे हैं। देश के उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, "ये केवल एक स्पोर्टिंग इवेंट नहीं, बल्कि भारत की नारी शक्ति का प्रतीक है।" इस फाइनल का सबसे सुखद पक्ष यह है कि जीते कोई भी, विजेता भारत ही होगा। दोनों ही खिलाड़ियों के इस मंच तक पहुंचने ने भारत को विश्व शतरंज मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर दिया है।
कौन हैं कोनेरु हम्पी?
भारत की सबसे प्रतिष्ठित महिला शतरंज खिलाड़ियों में शुमार, कोनेरु हम्पी ने FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 के फाइनल में पहुंचने के लिए चीन की लेई टिंगजी को सेमीफाइनल में रोमांचक अंदाज़ में हराया। हम्पी अपनी शांतचित सोच और रैपिड फॉर्मेट में सटीक चालों के लिए जानी जाती हैं। सेमीफाइनल में उन्होंने टाईब्रेक मुकाबलों में अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करते हुए चीन की मजबूत खिलाड़ी को हराया। कोनेरु हम्पी 2002 में दुनिया की सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टर बनी थीं (उन समय), और उन्होंने भारत में महिला शतरंज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
कौन हैं दिव्या देशमुख?
दूसरी ओर, दिव्या देशमुख का शतरंज की दुनिया में उदय उल्लेखनीय और प्रेरणादायक रहा है। महज़ 19 साल की उम्र में वह पहले ही कई दिग्गजों को पीछे छोड़ चुकी हैं और इस विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद फाइनल तक पहुंची हैं। दिव्या को उनकी आक्रामक शैली, तेज़ सोच और बेहतरीन रणनीति के लिए जाना जाता है। उन्होंने कम समय में ही ग्रैंडमास्टर नॉर्म अर्जित कर लिया है और भारत की नई पीढ़ी की शतरंज स्टार बन चुकी हैं।