7.95 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व समाज कल्याण निदेशक गिरफ्तार, ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 7.95 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक मिश्रीलाल पासवान को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला सिर्फ आर्थिक गड़बड़ी नहीं, बल्कि वंचित छात्रों के हक पर डाका है। शासन द्वारा जांच की जा रही है और शेष आरोपियों पर भी जल्द कार्रवाई की संभावना है।
यह घोटाला वर्ष 2010 से 2012 के बीच रुड़की स्थित गुरु नानक एजुकेशन ट्रस्ट को नियम विरुद्ध ढंग से छात्रवृत्ति जारी करने के मामले में सामने आया था। EOW की ओर से यह पहली गिरफ्तारी है, जबकि इस मामले में कुल छह लोगों को नामजद किया गया है। सूत्रों के अनुसार, मिश्रीलाल पासवान एक सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी हैं, जो वर्ष 2014 में रिटायर हुए थे। उनके कार्यकाल में समाज कल्याण निदेशालय से जुड़ी इस गड़बड़ी को अंजाम दिया गया। जांच में पाया गया कि उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों और ट्रस्ट के ट्रस्टी गुरु सिमरन सिंह चड्ढा के साथ मिलकर कई छात्रों को निर्धारित राशि से अधिक छात्रवृत्ति दी।
विशेष बात यह रही कि ट्रस्ट ने कई फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाया और 91,200 रुपये की अधिकतम सीमा की जगह 2.30 लाख रुपये प्रति छात्र तक की छात्रवृत्ति जारी करवाई गई। घोटाले के दौरान 336 छात्रों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया, जिसमें ट्रस्ट को कुल 7.95 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ मिला। इस मामले में 2019 में लखनऊ एसआईटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। नामजद अभियुक्तों में तत्कालीन पटल सहायक धर्मेंद्र सिंह, अधीक्षक डीके गुप्ता, योजना अधिकारी डॉ. मंजूश्री श्रीवास्तव, और ट्रस्ट ट्रस्टी गुरु सिमरन सिंह चड्ढा शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद मिश्रीलाल पासवान को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।