रंग तरंग फेस्टिवल का शानदार समापन, जरूरतमंद कलाकारों की मदद के लिए शुरू हुआ सहायता कोष

रंग तरंग फेस्टिवल का शानदार समापन, जरूरतमंद कलाकारों की मदद के लिए शुरू हुआ सहायता कोष

भिलाई। आर्थिक और शारीरिक रूप से जरूरतमंद कलाकारों व साहित्यकारों की आकस्मिक सहायता के लिए बनाए जा रहे कोष की शुरुआत “रंग तरंग फेस्टिवल” के साथ भिलाई में हुई। दो दिवसीय यह राष्ट्रीय आयोजन 11 और 12 अक्टूबर 2025 को महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर में भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से संपन्न हुआ।  कार्यक्रम में देशभर से करीब 220 कलाकारों ने भाग लिया। छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से आए कलाकारों ने अपने गायन, नृत्य और वादन से इस अभियान के समर्थन में शानदार प्रस्तुति दी।

 इस आयोजन की पहल कला साहित्य अकादमी भिलाई ने की थी, जबकि रविन्द्र निकेतन हुडको कालीबाड़ी और गीतांश आर्ट्स, एक्ट एवं नृत्य एसोसिएशन भिलाई ने मिलकर इसे सफल बनाया।  फेस्टिवल का संचालन और प्रबंधन मुख्य रूप से महिला टीम ने संभाला, जिसमें श्रीमती मौऊ दत्ता, पुरवी विश्वास, भाष्वती बोस, स्वाति सेनगुप्ता, संस्कृति वर्मा, बाली, अमृता सान्याल, रचना श्रीवास्तव और सोमा देव शामिल थीं। कार्यक्रम के सफल संचालन में वरुण चक्रवर्ती, सांई चक्रवर्ती, पार्थ, सारथी, तुहिनाद्री सान्याल, शान विश्वास और अयन दत्ता का सहयोग उल्लेखनीय रहा।

 रविन्द्र निकेतन हुडको कालीबाड़ी भिलाई के महासचिव रुपक दत्ता, सचिव श्यामल रॉय, और गीता आर्ट्स, एक्ट एवं नृत्य एसोसिएशन के बबलू विश्वास ने पूरे आयोजन की जिम्मेदारी निभाई।  कला साहित्य अकादमी भिलाई के कार्यकारी अध्यक्ष मणिमय मुखर्जी ने आयोजकों, प्रतिभागियों और प्रायोजकों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि “यह पहल अभी छोटी है, लेकिन नेक उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है। आने वाले समय में यह आंदोलन और मजबूत होगा।”

 समापन अवसर पर प्रतीक मंडल, श्रीमती मंडल (वित्तीय सलाहकार), वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती मीता दास, स्मृति दत्ता, कलाकार गिलबर्ट, मनोरंजन दास, शेखर, संजीव मुखर्जी, जयप्रकाश नायर, समीर चक्रवर्ती, गुलाम हैदर मंसूरी, जी जानकी राव, सुभाष साहा और श्रौती घोष साहा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों और गुरुओं को सम्मानित किया गया।  शुरुआती चरण में कोष में राशि भले सीमित हो, लेकिन जिस तरह लोगों ने इस मुहिम से जुड़ने में रुचि दिखाई है, उससे आयोजकों को विश्वास है कि यह प्रयास भविष्य में जरूरतमंद कलाकारों के लिए बड़ी मदद साबित होगा।