ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़; तीन आरोपी गिरफ्तार

पशुओं से अधिक दूध निकालने, फलों और सब्जियों सहित मछलियों को तेजी से बड़ा करने होता है इस्तेमाल

ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़; तीन आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ। काकोरी इलाके में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (औषधि अनुभाग) और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। हनुमंत किराना एंड जनरल स्टोर की आड़ में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाया जा रहा था। पशुओं से अधिक दूध निकालने, फलों और सब्जियों को तेजी से बड़ा करने ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है। खगेश्वर पिता सुकई निवासी बसंत सिंह पुरवा सीतापुर, अवधेश पाल पिता लीला पाल, निवासी बुद्धेश्वर मॉडल सिटी लखनऊ और अनमोल पाल पिता अवधेश पाल निवासी मायापुरम लखनऊ को गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ काकोरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। मुनाफे के लालच में तस्कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (औषधि अनुभाग) और एसटीएफ को प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने की पूर्व में सूचना मिली थी। 2 जुलाई को सूचना मिली कि काकोरी में हनुमंत किराना एंड जनरल स्टोर के आवासीय परिसर में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने की अवैध फैक्ट्री चल रही है। टीम में अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अमित कुमार नागर और सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार के निर्देशन में टीम ने छापा मारा। टीम में औषधि निरीक्षक विवेक कुमार सिंह, इंस्पेक्टर दिलीप तिवारी और एसटीएफ के अन्य अधिकारी शामिल थे। छापेमारी में 2396 भरी बोतलें मिलीं। हर बोतल में 180ML प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन, 77,900 भरे एम्प्यूल, हर एम्प्यूल में 2ML, 800 खाली बोतलें, रबर कैप, एल्युमिनियम सील, प्लास्टिक कूप्पियां, नमक के पैकेट और इंजेक्शन भरने की पाइप मिली है। इनकी कीमत करीब 1.20 करोड़ रुपए बताई जा रही है। टीम ने इंजेक्शन का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया है। बाकी बचे इंजेक्शन और सामग्री को सीज कर दिया है। 

बताया जाता है कि थोक में तस्कर 20 रुपये में 100 मिली लीटर की दर से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन खरीदते हैं। इसके बाद इसमें मिलावट कर अपने गिरोह के लोगों को 80 रुपये में बेचते हैं। गिरोह के सदस्य फुटकर में किसानों और डेयरी संचालकों को यही इंजेक्शन दो सौ रुपये में सप्लाई करते हैं। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि लखनऊ के अलावा, सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई, बलरामपुर, बहराइच, उन्नाव समेत आसपास के कई जिलों में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। सब्जी और फलों में इसका ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। किसान सब्जियों और फलों का आकार बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, पशुपालक गाय और भैंस को इंजेक्शन लगाकर दूध निकाल रहे हैं। इससे लोगों के हार्मोंस पर प्रभाव पड़ रहा है।