दुर्ग में पुलिस भर्ती के नाम पर 3.50 लाख की ठगी, 13 साल बाद FIR दर्ज

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस भर्ती के नाम पर ठगी का पुराना मामला फिर सामने आया है। करीब 13 साल बाद पीड़ित की लिखित शिकायत और पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामला उतई थाना क्षेत्र के ग्राम डूडेंरा निवासी पीड़ित परिवार से जुड़ा है। वर्ष 2012 में बलौदाबाजार जिले में पुलिस भर्ती निकली थी। इसी दौरान पीड़ित परिवार का संपर्क पड़ोसी गांव के शोभाराम साहू से हुआ। आरोपी ने खुद को प्रभावशाली और पुलिस विभाग से सीधे संपर्क वाला व्यक्ति बताया और पीड़ित के बेटे को आरक्षक पद पर नौकरी दिलाने का भरोसा दिया।

नौकरी लगवाने के लिए आरोपी ने 3 लाख 50 हजार रुपये की मांग की। परिवार ने 8 जून 2012 को पूरी रकम सौंप दी। भरोसा दिलाने के लिए आरोपी ने इकरारनामा, एटीएम रसीदें और दस्तावेज भी दिए। कुछ समय तक वह प्रक्रिया जारी रहने का आश्वासन देता रहा, लेकिन साल गुजरते गए और नौकरी नहीं लगी। जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने स्टाम्प पेपर पर दो किस्तों में रकम लौटाने की सहमति दी। पहली तारीख 1 अक्टूबर 2015 और दूसरी 1 मार्च 2016 तय की गई। तय समय निकल गया, मगर एक रुपया भी वापस नहीं मिला। पीड़ित का आरोप है कि जब भी वह उतई थाने में शिकायत दर्ज कराने जाता, जानकारी तुरंत आरोपी तक पहुंच जाती। इसके बाद वह दबाव बनाता और पैसे लौटाने का आश्वासन देकर मामले को टाल देता। आरोप यह भी है कि आरोपी का भाई उतई थाने में आरक्षक है, जिसके कारण कार्रवाई वर्षों तक अटकती रही।

ठगी के कारण पीड़ित परिवार आर्थिक संकट में फंस गया। घर में बेटी की शादी तक टल गई। कई बार मानवीय आधार पर गुहार लगाने के बाद भी राहत नहीं मिली। पीड़ित के मुताबिक आरोपी वर्तमान में कंस्ट्रक्शन और मटेरियल सप्लाई का काम करता है और राजनीतिक जुड़ाव का फायदा उठाकर मामले को दबाता रहा। उसके खिलाफ नौकरी के नाम पर ठगी का एक पुराना मामला भी दर्ज रहा है। आखिरकार पीड़ित ने सीधे दुर्ग पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपी। मामले को गंभीर मानते हुए पहले भिलाई नगर थाने में अपराध दर्ज किया गया, जिसके बाद जांच उतई थाना क्षेत्र को ट्रांसफर कर दी गई। पुलिस ने उपलब्ध दस्तावेजों और लेन-देन के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 420 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि पूरे ट्रांजेक्शन, दस्तावेजों और आरोपी के पुराने रिकॉर्ड की विस्तृत जांच की जा रही है।

