दुर्ग रेंज में मर्डर केस इन्वेस्टिगेशन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण: IG रामगोपाल गर्ग ने दिया वैज्ञानिक विवेचना पर जोर

दुर्ग रेंज के IG रामगोपाल गर्ग द्वारा मर्डर केस की विवेचना पर ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में 90 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हुए। साक्ष्य संकलन, आरोपी की पहचान और चार्जशीट की प्रक्रिया पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया।

दुर्ग रेंज में मर्डर केस इन्वेस्टिगेशन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण: IG रामगोपाल गर्ग ने दिया वैज्ञानिक विवेचना पर जोर

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज द्वारा मर्डर केस इन्वेस्टिगेशन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक दुर्ग, बालोद, बेमेतरा सहित 90 से अधिक रेंज के अधिकारियों ने ऑनलाइन ट्रेनिंग प्राप्त की। अपराधियों को पकड़ने के साथ साथ दोष सिद्ध करने पर भी ध्यान देने की बात आई.जी. दुर्ग रेंज श्री गर्ग ने की।

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग (भा.पु.से.) के द्वारा हत्या के मामलों की प्रभावी जांच हेतु "रेंज स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम" का आयोजन किया गया। इस विशेष प्रशिक्षण का उद्देश्य विवेचकों को हत्या के प्रकरणों की जाँच में दक्ष बनाना तथा घटनास्थल से लेकर न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करने तक की समग्र प्रक्रिया की जानकारी देना रहा। इस प्रशिक्षण सत्र में स्वयं पुलिस महानिरीक्षक महोदय द्वारा PowerPoint प्रजेंटेशन (PPT) के माध्यम से विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदुओं में निम्न विषयों पर गहराई से जानकारी दी गई:

  • सूचना प्राप्ति के पश्चात त्वरित कार्यवाही एवं घटनास्थल पर रवाना होने की प्रक्रिया
  • घटनास्थल निरीक्षण के दौरान महत्वपूर्ण सावधानियाँ एवं तकनीकी बिंदु
  • भौतिक, वैज्ञानिक एवं डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित करने की विधियाँ
  • पंचनामा एवं पोस्टमार्टम की प्रक्रिया और उससे जुड़ी संवेदनशीलता
  • आरोपी की पहचान, तलाश एवं गिरफ्तारी के बाद की वैधानिक प्रक्रिया
  • साक्ष्य प्रस्तुति, केस डायरी एवं चार्जशीट के दस्तावेजीकरण की रणनीति

 इस प्रशिक्षण में दुर्ग रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग विजय अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेमेतरा रामकृष्ण साहू एवं पुलिस अधीक्षक बालोद योगेश पटेल रेंज के राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारियों सहित 90 से अधिक विवेचक ऑनलाइन माध्यम से सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य था कि विवेचक मर्डर केस की हर कड़ी को वैज्ञानिक, संवेदनशील और वैधानिक ढंग से समझ सकें ताकि न्यायिक प्रक्रिया में मजबूत साक्ष्य के आधार पर अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।   पुलिस महानिरीक्षक महोदय ने प्रशिक्षण के अंत में सभी अधिकारियों से अपील की कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी को अपने दैनिक कार्य में लागू करें तथा गंभीर अपराधों की विवेचना को और अधिक प्रभावी बनाएँ।