VIDEO: जंगल काटने को लेकर ग्रामीण और पुलस आमने सामने, ग्रामीणों ने तीर-धनुष, गुलेल और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर किए हमला, कई घायल

अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हसदेव अरण्य के जंगलों में जारी संघर्ष सिर्फ पर्यावरण या आदिवासी अधिकारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह मुद्दा हिंसक झड़पों तक पहुंच चुका है। परसा कोल ब्लॉक और इसके आस-पास के क्षेत्रों में खनन के लिए अडानी ग्रुप ने जंगलों में पेड़ काटने का काम शुरू किया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आने वाले सालों में हसदेव अरण्य के जंगलों से 2 लाख 74 हजार से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा। इससे पहले ही 94,460 पेड़ों की कटाई की जा चुकी है। हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर गुरुवार को ग्रामीण और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए। ग्रामीणों ने तीर-धनुष, गुलेल और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इसमें दो निरीक्षक सहित 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन (सीबीए) हसदेव क्षेत्र में कोयला खदानों के आवंटन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है, संगठन ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। सीबीए के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि सीबीए राजस्थान को कोयले की आपूर्ति करने और अदाणी के कारोबार का विस्तार करने के लिए हसदेव जंगल में एक नई खदान, परसा कोयला ब्लॉक को जबरदस्ती खोलने के लिए निहत्थे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज और दमनकारी कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने दावा किया कि लाठीचार्ज में कई ग्रामीण घायल हुए हैं।
हसदेव अरण्य, जो छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में फैला है, एक घना जंगल है और आदिवासी समुदाय के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इस क्षेत्र में स्थित परसा कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है, जो स्थानीय ग्रामीणों के कड़े विरोध का कारण बना हुआ है। यह कोल ब्लॉक राजस्थान सरकार को आवंटित किया गया है, और इसके खनन का कार्य उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप को सौंपा गया है।ग्रामीणों का कहना है कि कोयला खनन के लिए इस जंगल के लाखों पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि उनकी आजीविका और पारंपरिक जीवनशैली भी बुरी तरह प्रभावित होगी। लंबे समय से विरोध कर रहे ग्रामीण अब अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं।हाल ही में इस विरोध ने हिंसक रूप ले लिया जब ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर-धनुष, गुलेल और पत्थरों से हमला किया, जिसमें थानेदार (टीआई) और उप-निरीक्षक (एसआई) सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 300 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है, और पूरा परसा इलाका पुलिस छावनी में बदल गया है।
 
                         Suvankar Roy
                                    Suvankar Roy                                




 
                    
                 
                    
                 
                    
                 
                    
                 
                    
                 
                    
                 
                    
                 
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
             
            
                                        
                                     
            
             
            
             
            
            