परम्परागत सुव्यविस्थत ढंग से हो पर्वों का आयोजन, पंडालों पर रखें पैनी नजर-कलेक्टर

दुर्ग। आगामी तीज-त्यौहरों/पर्वों पर जिले में होने वाले आयोजनों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह कि अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल भी सम्मिलित हुए। बैठक में एजेंडावार धार्मिक पर्वों के पंडाल की सुरक्षा व्यवस्था, आगजनी से सुरक्षा, आपातकालीन सुविधा, विसर्जन, साफ-सफाई तथा जिला स्तरीय शांति समिति के गठन के संबंध में चर्चा की गई। आयोजकों को निर्धारित फार्मेेट में देनी होगी संपूर्ण जानकारी।
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि जिले में पर्वों का आयोजन परम्परागत सुव्यविस्थत ढंग से हो, सुनिश्चित किया जाए। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला प्रशासन द्वारा आयोजकों के लिए गाइड लाइन निर्धारित की जाएगी। आयोजकों को निर्धारित फार्मेट में अपनी संपूर्ण जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्वों के पंडालों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रशासन की पूर्व अनुमति से ही आयोजन हो। पंडाल में मुख्य प्रवेश द्वार और निकास द्वार अलग-अलग हो। निगरानी हेतु हाई रिजोल्युशन कैमरे लगाई जाए। पंडाल में कंट्रोल रूम बनाया जाए ताकि यहां से लाईफ देखा जाए। सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग, विशेष परिस्थिति की सूचना से आम जनता को सूचित करने हेतु पर्याप्त मात्रा में माईक एवं साउण्ड बाक्स की व्यवस्था हो। भीड़ प्रबंधन हेतु आयोजकों द्वारा स्वयंसेवकों की टीम बनायी जाए। उन्होंने कहा कि पंडाल या झांकी स्थल पर पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यंत्र और रेत की बाल्टियां रखी जाए। बिजली की वायरिंग आईएसआई मार्क वाले केबल से हो। जनरेटर व विद्युत उपकरणों पर निगरानी रखी जाए। फाल्ट आने पर तुरन्त बिजली सप्लाई काटने की व्यवस्था हो। प्राथमिक चिकित्सा हेतु पंडाल में अलग से समुचित व्यवस्था किया जाए। आपातकालीन संपर्क नंबरों को प्रमुख स्थानों पर चस्पा किया जाए। भीड़ को नियंत्रित करने रस्सी या बेरिकेट की सुव्यवस्थित रूप से किया जाए। स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी तय किया जाए। पार्किंग से किसी भी आम जनता को या रहवासियों को असुविधा न हो तथा सड़क बाधिक न हो। प्रवेश, निकास, मंच व पार्किंग आदि में स्वयंसेवक तैनात किया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान पर विसर्जन प्रक्रिया संपन्न करायी जाए। इस दौरान डी.जे. पर प्रतिबंध हो। साथ ही मादक पदार्थों पर भी प्रतिबंध लगायी जाए। आयोजन के दौरान आयोजकों द्वारा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर बायो प्लास्टिक का उपयोग हो। आयोजन के दौरान समाप्ति तक सफाई का दायित्व आयोजन समिति का होना चाहिए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल ने कहा कि आयोजन स्थल पर रोड मार्कर का अक्षरशः पालन हो। पंडाल से मेन रोड या संपर्क रोड अवरोध न हो। झांकियॉं किसी प्रकार की विवादित न हो। पंडाल में विद्युत अवरोध की स्थिति में जनरेटर की पर्याप्त व्यवस्था हो। आयोजकों के पास पर्याप्त स्वयंसेवक हो। पंडाल के प्रवेश द्वार व निकासी द्वार पर हाई रिजोल्शुन कैमरा से निरागनी रखी जाए। एस.एस.पी. ने कहा कि आयोजन से संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी डी.जे. पर विशेष ध्यान देें। इसके लिए समय निर्धारित की जाए और विसर्जन के दौरान पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए।
इस संबंध में आयोजकों से शपथ पत्र भरवाये। थाना प्रभारी अपने पेट्रोलिंग दल को अलर्ट रखें। झांकी में ट्रेलर का उपयोग प्रतिबंधित किया जाए। प्रत्येक पंडाल पर पैनी नजर रखी जाए और सूचना तंत्र को मजबूत रखें। एस.एस.पी. ने जिला स्तरीय शांति समिति गठन पर जोर देते हुए सभी थाना क्षेत्रों में भी आयोजन पूर्व शांति समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। बैठक में आयोजन के दौरान विगत वर्ष घटित घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने तथा जिले के नागरिकों को बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने आयोजन समितियों और सामाजिक संगठनों की बैठकें आयोजित कर उनसे भी सुझाव आमंत्रित करने पर जोर दिया गया। बैठक में सहायक कलेक्टर अभिजीत बबन पठारे, एडीएम बिरेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त सुमीत अग्रवाल, एसडीएम दुर्ग हरवंश सिंह मिरी, एसडीएम पाटन लवकेश ध्रुव, एसडीएम भिलाई-3 महेश राजपूत, एसडीएम छावनी हितेश पिस्दा, तहसीलदार दुर्ग प्रफुल्ल विश्वकर्मा सहित नगर पालिका/नगर पंचायत के सीएमओ और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व सभी पुलिस थाना के थाना प्रभारी उपस्थित थे।