1857 की क्रांति के नायक मंगल पांडे को दी गई श्रद्धांजलि, युवाओं में देशभक्ति का संकल्प

भिलाई, 19 जुलाई 2025। भिलाई के नेहरू नगर स्थित भेलवा तालाब परिसर में शनिवार को 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत शहीद मंगल पांडे की जयंती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभक्ति, बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के प्रति जागरूकता फैलाना था।
अजय शुक्ला ने बताया मंगल पांडे की संघर्षगाथा
कार्यक्रम के दौरान नगर निगम भिलाई के सहायक राजस्व अधिकारी एवं आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक अजय शुक्ला ने मंगल पांडे के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि:
"मंगल पांडे का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था। मात्र 22 वर्ष की आयु में वे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हो गए थे। 1857 में जब उन्हें पता चला कि राइफल की कारतूस में गाय और सुअर की चर्बी लगी है, जिसे मुंह से खोलना पड़ता है, उन्होंने इसका विरोध किया। यह वही क्षण था जब ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहली बार खुले रूप में विद्रोह की चिंगारी भड़की।"
शुक्ला ने कहा कि उस दौर में अंग्रेजों का भय इतना गहरा था कि कोई विरोध की कल्पना भी नहीं करता था, लेकिन मंगल पांडे ने उस डर को तोड़ा और आज़ादी का पहला बिगुल फूंका।
गुमनाम क्रांतिकारियों को याद किया गया
संघ के प्रतिनिधि ओम सिंघानिया ने अपने वक्तव्य में कहा:
"आज़ादी केवल कुछ प्रसिद्ध नामों की देन नहीं है, बल्कि हजारों ऐसे गुमनाम सेनानी हैं जिनके बलिदानों के कारण हम आज आज़ाद हवा में सांस ले पा रहे हैं। मंगल पांडे उनमें से एक प्रमुख योद्धा थे, जिन्हें हर युवा को जानना चाहिए।"
भारत विकास परिषद और विहिप ने भी रखे विचार
भारत विकास परिषद के सचिव जितेंद्र सिंह ने कहा:
"इतिहास ने बहुत से आज़ादी के दीवानों को भुला दिया है। लेकिन उनकी आवाज़ें, उनके संघर्ष, उनके कदम—सबने मिलकर आज़ादी की नींव रखी थी। मंगल पांडे जैसे क्रांतिकारी आज भी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं।"
वहीं विश्व हिंदू परिषद के शैलेंद्र परिहार ने बताया कि:
"अंग्रेजों ने मंगल पांडे को सार्वजनिक रूप से बेहद क्रूरता के साथ फांसी दी ताकि बाकी क्रांतिकारियों में डर पैदा हो। लेकिन नतीजा इसके उलट हुआ – विद्रोह भड़क उठा, क्रांति की लपटें देशभर में फैल गईं।"
कार्यक्रम में युवाओं की सहभागिता
इस संगोष्ठी में बड़ी संख्या में स्थानीय युवा, छात्र, सामाजिक संगठन और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। सभी ने शहीद मंगल पांडे को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान पंकज चौरसिया, देवेश सिंह, एमपी सिंह ,भारत विकास परिषद से नरेश गुप्ता, जीपी सोनी, रितेश वर्मा, प्रताप डीजे, सुनील यादव, डोमार सिंह राजपूत, सौरभ ठाकुर, आदित्य सिंह, अमिया जाना, संजय साठवाने, सुभाष सिंह, जय किशन आहूजा, विक्की गुप्ता आदि उपस्थित थे।