भिलाई निगम में फर्जी सफाई कर्मियों के नाम पर घोटाले का आरोप, सिविल सोसाइटी ने की जांच की मांग

दुर्ग। सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने आज जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर भिलाई नगर निगम में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। समिति के पदाधिकारी सचिव मेहरबान सिंह और जसप्रीत सिंह ने बताया कि निगम अधिकारी और सफाई ठेका कंपनी मिलकर फर्जी सफाई कर्मी दिखाकर जनता के टैक्स के पैसे की हेराफेरी कर रहे हैं।
जसप्रीत सिंह ने कहा कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत सफाई कर्मियों की सूची मांगी गई थी, लेकिन भिलाई निगम के जन सूचना अधिकारी ने जानकारी देने से इनकार कर दिया और इसे "निजी जानकारी" बताकर टाल दिया। कंपनी का दावा है कि करीब 2000 सफाई कर्मी काम कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इतने कर्मचारी दिखाई नहीं देते। सिविल सोसाइटी ने आरोप लगाया कि 70 वार्डों में औसतन 28 से 35 सफाई कर्मी प्रति वार्ड होना चाहिए, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है।
कागजों में दर्ज सफाई कर्मियों के नाम पर पैसे निकाले जा रहे हैं, जबकि कई कर्मचारी मौजूद ही नहीं हैं। मेहरबान सिंह ने कहा कि यह जनता के टैक्स के पैसों की खुली लूट है और निगम भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश कर रहा है। समिति ने जिलाधीश से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान मेहरबान सिंह, जसप्रीत सिंह, रऊफ अंसारी, रामपाल, सोनू यादव, जयवर्धन और अन्य सदस्य मौजूद थे।