धर्मांतरण पर गिरफ्तारी और अब सियासी तूफान: कांग्रेस सांसदों की ननों से मुलाकात, बोले – अल्पसंख्यकों पर हमला

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में दो ईसाई ननों की गिरफ्तारी के बाद मामला अब पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इन ननों से मिलने दुर्ग पहुँचा और इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में बेनी बहनन, फ्रांसिस जॉर्ज, एनके प्रेमचंदन, अनिल ए थॉमस, सप्तगिरी उल्का और जरीता लैतफ़लांग शामिल रहे। इन नेताओं ने ननों से मुलाकात के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे कांग्रेस हाईकमान को सौंपा जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल से सांसद एनके प्रेमचंदन ने इस मामले को माइनॉरिटीज पर अटैक करार देते हुए कहा कि दो धार्मिक महिलाओं को झूठे और आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। ये महिलाएं 21, 23 और 25 वर्ष की युवतियों को काम दिलाने ले जा रही थीं। बजरंग दल ने बिना प्रमाण उन पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगा दिया।” प्रेमचंदन ने कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर हमला है और ऐसा ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में लगातार हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी शासित राज्यों में ईसाई समुदाय पर हमले बढ़े हैं।
कांग्रेस सांसदों ने ऐलान किया है कि इस मुद्दे को कल लोकसभा में उठाया जाएगा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की कोशिश की जाएगी। जरूरत पड़ी तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करेंगे। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ जीआरपी ने मामले में धर्मांतरण और मानव तस्करी की पुष्टि करते हुए तीन महिलाओं को 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेजा है, और नारायणपुर में जांच टीम रवाना की गई है। राजनीति गरमा चुकी है, आरोप और जवाब के बीच अल्पसंख्यक सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दे एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर आ गए हैं।