12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियां फ्रीज

नई दिल्ली। देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा के साथ ही सोमवार आधी रात से इन क्षेत्रों की मतदाता सूचियां फ्रीज कर दी गईं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार शाम पत्रकारों को बताया कि अब राज्य सरकारों को किसी भी तरह के प्रशासनिक फेरबदल के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।

चुनाव आयोग के मुताबिक, जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियां फ्रीज की गई हैं, वहां अब बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर मतदाताओं को विशिष्ट गणना प्रपत्र देंगे। इन प्रपत्रों में मौजूदा मतदाता सूची से जुड़ी सभी जानकारी दर्ज रहेगी। जिन लोगों के नाम पहले से सूची में हैं, उन्हें किसी नए दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। उन्हें केवल प्रपत्र भरकर जमा करना होगा। वहीं जिनके माता-पिता का नाम भी सूची में है, उन्हें भी अतिरिक्त दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है। 2002 से 2004 तक के एसआईआर की मतदाता सूचियां अब चुनाव आयोग की वेबसाइट http://voters.eci.gov.in पर सार्वजनिक हैं। कोई भी व्यक्ति वहां जाकर अपना नाम और विवरण मिलान कर सकता है।

क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) यानी Special Intensive Revision चुनाव आयोग की वह प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची (Voter List) की पूरी तरह से जांच, अद्यतन और सुधार किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो, मृत, स्थानांतरित या दोहराए गए नामों को हटाया जाए, और मतदाता सूची पूरी तरह सही और अद्यतन रहे। सरल शब्दों में यह मतदाता सूची की सफाई और अपडेट करने की एक विशेष कवायद है, जिसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर जानकारी जुटाते हैं। SIR के दौरान मुख्य काम नए मतदाताओं का पंजीकरण जो 18 वर्ष पूरे कर चुके हैं। पुराने या गलत नामों की जांच यदि कोई मतदाता अब उस क्षेत्र में नहीं रहता या उसकी मृत्यु हो चुकी है। नाम, पता या फोटो सुधार यदि पहले दी गई जानकारी में कोई त्रुटि है। डुप्लीकेट एंट्री हटाना ताकि एक व्यक्ति का नाम एक से अधिक जगह न हो। क्यों किया जाता है: हर कुछ साल में चुनाव आयोग यह प्रक्रिया चलाता है ताकि आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और पारदर्शी हो। नतीजा: इस प्रक्रिया के बाद तैयार हुई सूची ही अगले विधानसभा या लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल होती है।
