सायरन बजते ही जमीन पर लेटें लोग; SDRF, पुलिस और आर्मी फाउण्डेशन ने बताया बचने का तरीका
भिलाई में आपात कालीन स्थितियों से निपटने मॉकड्रिल की गई

दुर्ग। कलेक्टर अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में दुर्ग/भिलाई नगर में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से 7 मई 2025 को सायं 4 बजे आपातकालीन स्थितियां निर्मित की गई, जो ऑल क्लियर सिग्नल बजने तक जारी रही। ’’रेड अलर्ट’’ सायरन बजने पर प्रारंभ होकर ’’ऑल क्लियर’’ सायरन बजने तक नागरिक सुरक्षा मॉकड्रिल आयोजित की गई। मॉकड्रिल के दौरान जो नागरिक रोड पर थे, वे सड़क पर लेट कर मुंह में कपड़ा या रुमाल दबा कर दोनों हाथों से कान को ढक लिये थे, जो लोग वाहनों पर थे, वे भी अपने वाहन को वही रोड किनारे पर खड़े कर उसकी हैडलाइट और बैकलाइट बंद कर वाहनों से निकल कर सड़क पर लेट गये।
कलेक्टर अभिजीत सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल भी मॉकड्रिल में शामिल हुए। सेक्टर-6 भिलाई पुलिस कंट्रोल रूम के बाजू पुलिस पेट्रोल पम्प के सामने चौक पर पूर्व सैनिक हरप्रीत सिंह छ.ग. आर्मी फाउण्डेशन द्वारा नागरिकों को मॉकड्रिल करायी गई। बीएसपी सेक्टर एरिया, सूर्यामॉल, सराफा बाजार, पावर हाउस, पुलगांव चौक दुर्ग, इंदिरा मार्केट दुर्ग, नल घर काम्प्लेक्स इमरजेंसी हॉस्पीटल मेडिकल कॉलेज आदि स्थानों पर मॉकड्रिल करायी गई। सायं 7.30 बजे से 7.45 बजे तक भिलाई सेक्टर एवं प्लांट क्षेत्र में ’’रेड अलर्ट’’ सायरन बजने से प्रारंभ कर ’’ऑल क्लियर’’ सायरन बजने तक ’’ब्लैक आउट माकड्रिल’’ का आयोजन किया गया।
इस दौरान रैड अलर्ट साइरन बजने पर सभी नागरिक अपने घर, दुकान, आफिस, संस्थान आदि की रोशनी को बंद किये। सड़क पर चल रहे वाहन रेड अलर्ट साइरन बजते ही वाहन खडे़ कर हैडलाइट और बैकलाइट भी बंद कर दी गई। ग्रीन अलर्ट साइरन “आल क्लीयर सिग्नzल” बजने के बाद लाइट्स आन की गई। यह मॉकड्रिल पूर्वाभ्यास की एक सामान्य प्रक्रिया है। मॉकड्रिल के दौरान समस्त दैनिक गतिविधियाँ यथावत चालू थी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, होमगॉर्ड, एनसीसी के कैडेट्स, सेना के भूतपूर्व सैनिक, पुलिस बल तथा जिला एवं पुलिस प्रशासन व बीएसपी के अधिकारी/कर्मचारी शामिल थे।