दुर्ग में खाद की कालाबाजारी पर वार: 20 प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण, 9 को नोटिस, 4 से उर्वरक जब्त

दुर्ग जिले में कृषि विभाग द्वारा 20 उर्वरक दुकानों का औचक निरीक्षण, 4 से खाद जब्त, 9 को नोटिस जारी। खरीफ 2025 की तैयारी में सख्ती।

दुर्ग में खाद की कालाबाजारी पर वार: 20 प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण, 9 को नोटिस, 4 से उर्वरक जब्त

दुर्ग, 12 जुलाई 2025। खरीफ 2025 के लिए किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक और बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा जिले में सघन निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में 11 जुलाई 2025 को दुर्ग जिले के 20 उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण टीम ने विकासखण्ड दुर्ग के 8, पाटन के 4 तथा धमधा के 8 प्रतिष्ठानों की जांच की। इस दौरान उर्वरक निरीक्षकों द्वारा दुकानों के अनुज्ञप्तिपत्र, दस्तावेज़, स्कंध पंजी, बिल बुक तथा प्रतिष्ठान में उपलब्ध उर्वरकों की POS मशीन से मिलान कर समीक्षा की गई।

निरीक्षण में निम्न 4 प्रतिष्ठानों द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के उल्लंघन की पुष्टि होने पर जब्ती की कार्रवाई की गई:

  • ओम कृषि केन्द्र, अंजोरा (ख)

  • सिन्हा ट्रेडर्स, अंजोरा (ख)

  • चंद्राकर ट्रेडर्स, मचांदुर

  • बुरहानी एग्रो इंडस्ट्रीज, खपरी

इसके अतिरिक्त 9 प्रतिष्ठानों को उर्वरक नियंत्रण आदेश के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिनमें:

  • दुर्ग के 5 प्रतिष्ठान

  • पाटन का 1 प्रतिष्ठान

  • धमधा के 3 प्रतिष्ठान शामिल हैं।

इन प्रतिष्ठानों को तीन दिवस के भीतर समाधानकारक जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

बीज आपूर्ति की स्थिति:

खरीफ मौसम के लिए जिले में कुल 27,768 क्विंटल बीज की मांग बीज निगम को भेजी गई थी। इसके विरुद्ध अब तक 29,489 क्विंटल बीज का भंडारण सहकारी समितियों में किया जा चुका है, जिनमें से 28,604 क्विंटल बीज किसानों को वितरित कर दिए गए हैं। वर्तमान में 603 क्विंटल बीज वितरण हेतु शेष है।

कृषि विभाग की अपील:

कृषि विभाग ने जिले के समस्त कृषकों से अपील की है कि वे सहकारी समितियों में उपलब्ध बीजों का आवश्यकता अनुसार शीघ्र उठाव करें। साथ ही, उर्वरक एवं कीटनाशक सामग्री की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु विक्रय प्रतिष्ठानों का सतत निरीक्षण जारी रहेगा


???? नोट: यदि कोई किसान घटिया गुणवत्ता या अनियमितता की सूचना देना चाहता है, तो वह संबंधित कृषि विकास अधिकारी या विकासखण्ड कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकता है।