बड़े-बड़े प्लाट लेकर लाखों - करोड़ों का बनाया मकान, लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
मकान बनाने से पूर्व सीवरेज, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था देखकर ही करें निर्माण

भिलाईनगर। नगर निगम भिलाई क्षेत्र में बहुत से ऐसे क्षेत्र है, जहां पर बरसात के समय जल भराव की स्थिति निर्मित हो जाती है। आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय नियमित भ्रमण के दौरान जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत, स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली को लेकर माॅडल टाउन उड़िया बस्ती, पंडित दिनदयाल उपाध्याय आवासीय कालोनी, पुष्पक नगर, आनंद नगर, कोसा नगर, रैश्ने आवास, कैलाश नगर, आर्य नगर कोहका, साकेत नगर, कृष्णा ग्रैण्ड सिटी, आनंद पुरम का अंदर का भाग आदि क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां पर नालों एवं नालियों का सफाई किया जा रहा है।
मूल रूप से इन स्थानों पर यह समस्या आ रही है कि ज्यादातर प्राईवेट कालोनिया डवलप हो गई है। जहां पर जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक सेवक, पुलिस विभाग, डाॅक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता एवं व्यापारीगणों के बड़े-बड़े मकान बन गये है, लेकिन वहां पर सीवरेज पानी एवं बरसात के पानी का पर्याप्त निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है। भू-माफियाओं के संपर्क में आकर बड़े-बड़े प्लाट लेकर करोड़ो का मकान एवं फ्लैट बनया गया है। शुरू में कच्ची एवं पक्की नाली बनाकर दुसरे के प्लाट में पानी गिरा दिया जाता है। यही क्रम बढ़ रहा है और अंत में जाकर जो निचली बस्ती है, वहां पर पानी का दबाव बढ़ते जा रहा है। कही-कहीं पर ऐसी भी स्थिति है, जहां पुरा का पुरा नाली एवं सड़क ब्लाक हो गया है। वहां पर बड़े मकान बन गए है, जल निकासी हो तो कहां से हो।
नगर निगम भिलाई द्वारा लोगो के मांग पर जहां तक हो सकता है नाली का निर्माण कर दिया गया है। लेकिन बड़े नाले से जोड़ने के लिए सामने बड़े-बड़े लोगो का मकान आ जाता है, नाली जाए तो कैसे जाए। इस समस्या का सामना स्थानीय निवासियों के साथ-साथ वार्ड पार्षद एवं नगर निगम भी कर रहा है। वर्तमान में नाली एवं नालो की सफाई गैंग लगाकर कराई जा रही है। आयुक्त ने निर्देश दिया है कि जो भी कचरा नाली से निकलता है, उसे उसी दिन हटा दिया जाए। जिससे बारिश होने पर वह कचरा पुनः नाली में न जाए। नगर निगम भिलाई द्वारा बार-बार मकान निर्माताओ से अपील की जाती है कि अपना मकान खरीदने से पहले निगम के भवन अनुज्ञा शाखा, टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग दुर्ग, शासकीय पटवारी कार्यालय आदि से भूखण्ड के वास्तविकता का पता लगा लें कि उसके द्वारा खरीदे गए प्लाट पर मकान बनाने के लायक है कि नहीं पता चल जाएगा। रोड़, नाली, एप्रोच रोड की समुचित व्यवस्था है कि नहीं की जानकारी लेकर ही मकान बनाना शुरू करें। किसी भी दलाल, भू-माफिया आदि के बहकावे में मत आवे। भविष्य की परेशानी उन्हे एवं उनके परिवार को उठानी पड़ सकती है। निरीक्षण के दौरान उपअभियंता पुरूषोत्तम सिन्हा, चंदन निर्मलकर, बसंत साहू, जोन स्वास्थ्य अधिकारी अंकित सक्सेना आदि उपस्थित थे।